"कोई मंजिल नहीं जचती, सफ़र अच्छा नहीं लगता, अगर घर लौट भी आऊं, तो घर अच्छा नहीं लगता, करूँ कुछ भी, मै अब दुनिया को सब, अच्छा ही लगता है . मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता"..........
from My luck but not with me http://ift.tt/1Kv0nGW
via IFTTT
via IFTTT
Nice one
ReplyDeleteKumar Vishwas
ReplyDelete