#बस_एक_बार_कहा_तो_होता.......❤ मुझे जिदंगी बिताने को लम्हेँ ना मिलेँ.; हर बार शायद तूं इसीलिए करती थी इंकार..! लेकिन कब तक तकती तूं राह मेरे मर जाने की.; क्या कमी थी मुझमेँ यही सोचता था अंजान सुनकर तेरी इंकार..! अगर मर भी जाता मैँ तो फिर कोई ना करता जुर्ररत तुझे चाहने की..! सारा जमाना तुझे ही पागल कहता सुन-सुनकर तेरी इंकार..! मेरी जिदंगी बदल सी गई थी सुनकर खबर मेरे दिल मेँ तेरे आने की..! लेकिन वो इक सपना ही था जब हकीकत मेँ पहुँचा तो फिर से दिल टूटा सुनकर तेरी इंकार..! जिन्दा रहनेँ का शौँक तो हमको भी ना था..! #भव तो सबकुछ वारने को फिरता था.; बस तूं बेशक दबी जुबां से कह देती ,तो भी #भव देता जान वार..!
from My luck but not with me http://ift.tt/1Kv0nGW
via IFTTT
via IFTTT
Comments
Post a Comment