हिज्र की याद में सुलगो तो बुरा लगता है तुम मेरे प्यार को तरसो तो बुरा लगता है... एक तमन्ना है फ़क़त,मुझ पर मेहरबान रहो तुम किसी और को देखो तो बुरा लगता है... मेरी रूह तरसती है खुशबू को तेरी तुम कहि और जो महको तो बुरा लगता है... आरजू हूँ मैं तुम्हारी हर पल पास ही देखूँ तुम मेरे पास से उठो तो बुरा लगता है... मै उठा सकता हूँ जब नाज़ तुम्हारे तुम अगर नाज़ नही करते तो बुरा लगता है

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