क्या है facebook...? ये पूछो किसी से तो जबाव मिलेगा.....social networking site है। कुछ लोगो के लिए समय बर्बाद करने का एक नया तरीका। मेरे लिए facebook एक खुले मैदान की तरह है जिसमें लाखो करोड़ो लोग खड़े हो कोहनी सटाये....और अगले ही पल कोई पलट के तुमसे कहे......दोस्ती करोगे मुझसे.....और ये गई सटाक से friend request....वहां से मंजूरी मिली कि बन गए दोस्त। वैसे facebook को fakebook के नाम से भी नवाजा गया है और नवाजा भी क्यो नही जाये....तमाम फर्जी angle priya और hreat breaker chotu भी पाए जाते है....तमाम घरो के लाडले बेटे.....dadys lil girl बन के मंडराते है यहां। पर फिर भी कभी-कभार कुछ ऐसे लोग भी हमको मिल जाते है जो इन फर्जी लोगो के बीच 23 कैरेट सोने से होते है.........जो बस जरूरी से हो जाते है फिर......दिन भर मे उस दोस्त के मैसेज ना आए तो खालीपन सा लगता है कुछ..........जो बाकी लोग की तरह आपको आपकी कमियां नही गिनाते फिरत......जो हमारी बाते.....हमारे पगलपन को उतना ही enjoy करते है जितना हम.......जो बात बात पर judge नही करते........। .........जिनसे अक्सर ये कह ही जाते है कि तू ना.....बड़ा सही यार है मेरे लिए......जिनसे हमारी दोस्ती महज facebook तक ही नही रह जाती....जो समोसे के साथ चटनी जैसे जरूरी होते है.......जिनसे जिंदगी मे एक बार और फिर अक्सर मिलने की तमन्ना है। ......तो इसी बात पर....खींच कर लाओ(#TAG) उन दोस्तो को यहां.......जिनसे मिलना तुम्हारे दिल की तमाम बेहतरीन ख्वाहिशों मे से एक है।

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