ये शायरीयाँ कुछ और नहीं जनाब अधूरी ख्वाहिशो के मेले हैं । जिन्हें हम पा नहीं सकते बस लफ्जो में जी लेते हैं ।

from My luck but not with me http://ift.tt/1Kv0nGW
via IFTTT

Comments