पत्तें से गिरती बून्द हो या गीले बालों से... मौसम का असर तो दोनों पर ही जवां हैं... "कैसे बयान करुं सादगी मेरे महबूब की, पर्दा हमी से है,मगर नजर हम पर ही है.!" #पर_अफसोस......आखिर कैसे मुक्कमल हो मोहब्बत तुम्हारी हमारी... ना तुमको हमारी भाषा आती है ना हमको तुम्हारी 😂
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