कभी तो खुल के बरस अब के मेहमान की तरह मेरा वजूद है जलते हुए मकान की तरह मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हूं मुझे संभाल के रखिएगा जिस्म ओ जान की तरह

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